Mp Board class 10th hindi ardhvaarshik paper 2023 || कक्षा 10वी हिंदी पेपर अर्धवार्षिक परीक्षा 2023

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विद्यार्थियों आज मैं आपको Mp Board class 10th hindi ardhvaarshik paper 2023 देने जा रहा हूं 

Mp Board class 10th hindi ardhvaarshik paper 2023

जैसा कि आप सभी पहले से ही जानते होंगे कि हमारे द्वारा दिए गए प्रश्न पत्र आपको परीक्षा में देखने के लिए मिलते हैं हमारा प्रयास हमेशा से यह रहता है कि हर विद्यार्थी परीक्षा में टॉप करें मतलब अच्छे अंक प्राप्त करें और आगे बड़े विद्यार्थियों अगर आप STUDY NOTES PJ से पहले जुड़े हुए हैं तो आप सभी को पता होगा कि इसके पहले में आप सभी की कितनी मदद कर चुका हूं अर्धवार्षिक परीक्षा में भी संपूर्ण मदद करने का प्रयास करूंगा बस आप सभी को इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों तक शेयर करना है

Mp Board class 10th hindi ardhvaarshik paper 2023
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जी हां विद्यार्थियों आप सभी ने सही सुना अर्धवार्षिक परीक्षा की महत्वपूर्णता इस बार बहुत ज्यादा है क्योंकि सुनाने में आया है बोर्ड इस बार आपके अर्धवार्षिक परीक्षा के नंबर जोड़ने वाला है इसलिए अर्धवार्षिक परीक्षा बहुत अच्छे तरीके से देना और ज्यादा से ज्यादा अंक लाने का प्रयास करना

BOARD TYPEMP BOARD
EXAM TYPEअर्धवार्षिक परीक्षा 2023
SUBJECTHINDI
EXAM DATE7 दिसंबर 2023
CLASS10th
PAPER TYPEVIRAL PAPER
Mp Board class 10th hindi ardhvaarshik paper 2023

जी हां विद्यार्थियों आप सभी ने सही सुना आप सभी के लिए मैं संपूर्ण पेपर का हल करने वाला हूं यही नहींऔर सुनिए Mp Board class 10th hindi ardhvaarshik paper 2023 की संपूर्ण पीडीएफ PDF भी देने जा रहा हूं हमेशा की तरह आपको प्यार दिखाना है चैनल को सब्सक्राइब करना है इस पोस्ट को शेयर करना है

जी हां विद्यार्थियों परीक्षा से कुछ ही समय पहले Mp Board class 10th hindi ardhvaarshik paper 2023 की यह फोटोस वायरल हो रही हैं जो मैंने आपको अभी दिखाई हैं आप सभी की मदद करने के लिए ही मैंने आपको SOLUTIN प्रोवाइड कराया है

कक्षा  10 वी

विषय -Hindi

प्रश्न 1. सही विकल्प उत्तर

  • (ग) रामचरितमानस
  • (ख) नागार्जुन की,
  • (ग) पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार
  • (ख) संस्कृति की,
  • (घ) अनेकार्थी शब्द ।
  • (घ) अज्ञेय

प्रश्न 2 रिक्त स्थान उत्तर

  • अज्ञेय,
  • दो,
  • उत्साह,
  • संस्कृति,
  • अकर्मक,
  • रेलगाड़ी।

प्रश्न 3 सही जोड़ी उत्तर

  • प्रगतिवाद के प्रमुख कवि –(ख) नागार्जुन
  • 24 मात्राओं का छंद – (क) दोहा
  • कई अंकों वाली रचना-(घ) नाटक
  • यतीन्द्र मिश्र-  (ग) नौबतखाने में इबादत 
  • उल्लू बनाना –  (च) मूर्ख बनाना
  • भारत का स्विटजरलैण्ड – (ङ) कटाओ

प्रश्न 4 एक शब्द उत्तर

  • विश्वामित्र के साथ,
  • विभाव,
  • मन्नू भंडारी,
  • कर्मवाच्य,
  • अव्ययीभाव,
  • हिरोशिमा।

प्रश्न 5 सत्य असत्य उत्तर

  • असत्य,
  • असत्य,
  • सत्य,
  • सत्य,
  • असत्य,‌

प्रश्न 6 का उत्तर

उत्तर-गोपियों को श्रीकृष्ण में कई परिवर्तन दिखे जिनके कारण वे अपना मन वापस लेने की बात कहती है। (1) उन्हें आशा थी कि श्रीकृष्ण अवश्य लौटेंगे किन्तु वे नहीं लौटे। (2) योग का संदेश भेजा और प्रेम को भूलने की बात कही है। (3) उन्होंने छल-कपट की राजनीति करना सीख लिया है। (4) वे प्रेम की मर्यादा को भूल गए हैं। इसीलिए वे अपने मन को वापिस लेने की बात कहती हैं।

प्रश्न 7 का उत्तर

उत्तर- ‘आत्मकथ्य’ कविता से प्रसाद जी को जो इझलक मिलती है, वह बहुत प्रभावित करती है। जयशंकर प्रसाद विनम्र तथा सरल स्वभाव के थे। वे जो थे उसी को दिखाने में विश्वास करते थे। बढ़-चढ़कर दिखाने का स्वभाव उनमें न था। उन्हें जीवन में सुख नहीं मिल सका। उन्होंने जीवन के जो सुखद स्वप्न देखे थे वे अधूरे ही रह गए। किन्तु जो प्रेम और माधुर्य के क्षण उनके जीवन में रहे, उन्हें वे अपनी स्मृति में रखकर उनसे प्रेरणा पाना चाहते हैं।

प्रश्न 8 का उत्तर

उत्तर-रीतिकाल के कवियों ने श्रृंगार का उच्च कोटि का वर्णन किया है। अनुभूति की गहराई, भाव प्रबलता, विरह बेदना को जितनी सरस अभिव्यक्ति इस काल में हुई है, उतनी किसी काल में नहीं हुई। भाषाकी लाक्षणिकता, अलंकारों का चमत्कारपूर्ण प्रयोग हुआ है।

प्रश्न 9 का उत्तर

सूर्यकांत त्रिमूर्ति ‘निराला’

रचनाएँ-(1) ‘अनामिका’, (2) ‘ परिमल’, (3) ‘ गीतिका’, (4) ‘तुलसीदास’,

काव्यगत विशेषताएँ

  • भावपक्ष– (1) प्रेम और सौन्दर्य वर्णन- निराला के काव्य में प्रेम और सौन्दर्य के मोहक चित्र मिलते हैं। उनके सौन्दर्य वर्णन में ताजगी, आकर्षण और स्वच्छन्दता है।

(ब) कलापक्ष-(1) भाषा-निराला जी को भाषा भावों के अनुरूप बदलती जाती है। देश-प्रेम तथा भक्तिपरक कविताओं में इनकी भाषा सरल है। गम्भीर रचनाओं में आपकी भाषा क्लिष्ट एवं संस्कृतनिष्ठ हो गयी है।

साहित्य में स्थान – आधुनिक कवियों में महाप्राण निराला का उत्कृष्ट स्थान है। वे मुक्तक के जनक थे। निराला जी ने हिंदी कविता को नयी दिशा प्रदान को। इन्होंने हिंदी कविता को नवीन विषयों और शैलियों से समृद्ध किया। निराला जी हिंदी के मूर्धन्य रचनाकार है।

प्रश्न 10 का उत्तर

उत्तर- महाकाव्य में जीवन का विस्तृत चित्रण होता है। इसमें प्रकृति का विशद् अंकन होता है। इसमें पात्रों की संख्या अधिक होती है। हिन्दी के दो महाकाव्य निम्नलिखित हैं-

(1)’ रामचरितमानस’ (तुलसीदास),

 (2)’ कामायनी’ (जयशंकर प्रसाद)।

प्रश्न 11 का उत्तर

उत्तर-छंद-जिस रचना में अक्षरों एवं मात्राओं की संख्या निश्चित हो तथा यति, गति एवं तुक आदि का ख्याल रखा जाये, उसे छंद कहा जाता है।

छंद के प्रकार- छंद दो प्रकार के होते हैं- (क) मात्रिक छंद (सत्र) वर्णिक छंद।

  • मात्रिक छंद-जिन छंदों में मात्राओं की गणना की जाती है. उन्हें मात्रिक छंद कहते हैं। दोहा तथा चौपाई मात्रिक छंद हैं।
  • वर्णिक छंद-जिन छंदों की रचना वणों की गणना के आधार पर की जाती है, उन्हें वर्णिका छंद कहते हैं।

प्रश्न 12 का उत्तर

उत्तर-संस्मरण में लेखक अपने अनुभव की वस्तु, व्यक्ति अथवा पटना का कलात्मक विवरण अपनी स्मृति के आधार पर प्रस्तुत करता है। रामवृक्ष बेनीपुरी प्रसिद्ध संस्मरण लेखक है।

प्रश्न 13 का उत्तर

उत्तर- नाव माहव ने बहुत ही कान में खौरा काटा और उस पर नमक मिर्च पुरका इसके बाद उन्होंने सूचकर खिड़को के बाहर फेंक दिया। मेरी राय में उन्होंने अपनी रईसी और बड़प्पन दिखाने के लिए ऐसा किया। उन्होंने लेखक से खीरा खाने के लिए कहा था किन्तु लेखक ने मना कर दिया तो नवाब साहच को लगा कि यदि वे खौरा खायेंगे तो यह उनके स्तर के अनुरूप नहीं होगा। उन्होंने लेखक को प्रभावित करने के लिए खीरे को सैंधकर खिड़की के बाहर फेंका। ऐसा करना उनकी बनावटी जीवन शैली, आडम्बर, नवाबी प्रदर्शन आदि की ओर इंगित कराता है।

प्रश्न 14 का उत्तर

 उत्तर-बालगोविन भगत ने अपने बेटे के शव को सफेद कपड़े से ढक दिया उस पर फूल तथा तुलसी दान बिखेर दिए। स्वयं उसके पास आसन जमाकर गाने बैठ गए। वे तल्लीनता से कबीर के पदों को गाने लगे। उनके अनुसार मृत्यु के बाद जीवात्मा अपने प्रेमी परमात्मा से जा मिलती है। इसलिए, मृत्यु अत्सक, आनन्द का समय है, रोने का नहीं। वे अपनी पुत्रवधू को भी उत्सव

प्रश्न 15 का उत्तर

भदंत आनंद कौसल्यायन

रचनाएँ- ‘जो भूल न सका’, ‘भिक्षु के पत्र’, ‘बहानेबाजी’, ‘

• भाषा-शैली – भदंत आनंद कौसल्यायन की भाषा-शैली भावानुगामिनी है।

भाषा- इनका भाषा पर पूर्ण अधिकार था। विषय, घटना, पात्र के अनुसार इनको भाषा बदलती जातो है। इन्होंने सद्भव, तत्सम, देशज तथा विदेशी सभी प्रकार के शब्दों को आवश्यकता के अनुसार प्रयोग किया है।

शैली- अध्ययन, चिन्तम में लीन रहने वाले भदंत आनंद कौसल्यायन की शैली के प्रमुख रूप इस प्रकार हैं-

  • विचारात्मक शैली-गम्भीर चिन्तनशील स्वभाव के कारण आपके लेखन में विचारात्मक शैली को बहुलता दिखाई देती है। विचारपूर्ण संदभों में यह शैली अपनाई गई है। (2) वर्णनात्मक शैली-घटना, बस्तु या व्यक्ति के वर्णन में इस शैली का प्रयोग हुआ है। इस शैलकी भाषा सरल, सुबोध तथा सहज रही है।
    • विवेचनात्मक शैली- ये जहाँ विषय विवेचन करते हैं वहाँ इस शैली का प्रयोग करते हैं। इसके द्वारा वे विषय की परतें खोलते जाते हैं।
    • भावात्मक शैली – भावपूर्ण स्थलों पर भावात्मक शैली का प्रयोग हुआ है। इसकी भाषा सरल, सहज तथा सुस्पष्ट होती है।

साहित्य में स्थान- विभिन्न स्थानों पर घूमने वाले भदंत आनंद कौसल्यायन ने धर्म, दर्शन, साहित्य आदि सम्बन्धी महत्वपूर्ण कार्य किए। हिंदी गद्य की विविध विधाओं के रचनाकार के रूप में आपका उल्लेखनीय योगदान है।

प्रश्न 16 का उत्तर

उत्तर- (1) अंधे की लाठी- एकमात्र सहारा।

वाक्य प्रयोग – श्रवण कुमार अपने माता-पिता के लिए अंधे की लाठी थे।

(ii) पहाड़ टूट पड़ना- गम्भीर संकट आना। वाक्य प्रयोग-पति की मृत्यु होते ही रजनी पर पहाड़ टूट पड़ा।

(iii) दाँत खट्टे करना- हराना।

वाक्य प्रयोग- कारगिल में भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों के दाँत खट्टे कर दिए।

प्रश्न 17 का उत्तर

उत्तर-विज्ञान ने मानव को अनेक सुख-साधन दिए हैं, उसका जीवन सरल बनाया है। किन्तु यह

अत्यन्त दुःख की बात है कि वैज्ञानिक संसाधनों का घातक दुरुपयोग भी हो रहा है। आतंकवाद इसी का नतीजा है। शक्तिशाली देश खेटे देशों पर दवाव बनाते हैं। मानव अंगों की तस्करी, धूण हत्या आदि में विज्ञान का दुरुपयोग हो रहा है। कम्प्यूटर, इंटरनेट, मोबाइल आदि का अपराधी खुलकर दुरुपयोग कर रहे है। कीटनाशक दवाओं, लाउडस्पीकरों, रासायनिक खादों का दुरुपयोग घातक सिद्ध हो रहा है। जैविक हथियारों का खतरा सिर पर मंडरा रहा है।

प्रश्न 18 का उत्तर

संदर्भ-पूर्ववत् ।

प्रसंग – अपनी प्रेम भावना को प्रकट करते हुए यहाँ गोपियों ने कहा है कि हम श्रीकृष्ण के प्रेम के बिना जीवित नहीं रह सकती हैं।

भावार्थ-गोपियाँ उद्धव को बताती हैं कि हमारे लिए श्रीकृष्ण हारिल पक्षी की लकड़ी की तरह हैं। हम श्रीकृष्ण के प्रेम के बिना क्षण भर भी नहीं रह सकती हैं। हमने अपने मन, कर्म और वाणी से नन्द के पुत्र श्रीकृष्ण को अपने हृदय में जकड़कर स्थिर कर रखा है। यही कारण है कि हम जागते हुए, सोते समय और स्वप्नावस्था में श्रीकृष्ण के नाम की रट लगाए रहती हैं। हम उन्हें एक क्षण के लिए भी नहीं भूल पाती हैं। गोपियों को उद्धव का योग का सन्देश कड़वी ककड़ी जैसा लगता है। वे योग को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। गोपियाँ कहती हैं कि उद्धव जो फेंकने योग्य योग का रोग हैं उसी को तुम हमारे लिए लेकर आ गए हो। यह योग हमने न तो कभी सुना है न कभी अपनाया है और न हमारे यहाँ किसी ने इसे स्वीकार किया है। इसलिए हम इसे नहीं अपना पायेंगी। सूरदास के शब्दों में गोपियों ने उद्धव से स्पष्ट कह दिया कि इसको तो तुम उनको जाकर दे दो जिनके मन चंचल, चलायमान है।

काव्य सौन्दर्य – (1) गोपियों का एकनिष्ठ प्रेम व्यक्त हुआ है। (2) गोपियाँ योग को फेंकने योग्य मानती हैं। (3) अनुप्रास, पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार तथा ब्रजभाषा का प्रयोग हुआ है।

प्रश्न 19 का उत्तर

संदर्भ-

प्रसंग- इसमें बालगोबिन भगत के मानवीय रूप का अंकन किया है।

व्याख्या-संगीत के प्रति गहरा लगाव रखने वाले बालगोबिन भगत की संगीत साधना का सबसे उत्कृष्ट म। रूप उस दिन देखने को मिला जिस दिन उनके पुत्र की मृत्यु हुई। वह उनका अकेला बेटा था। वह दिमाग से कमजोर तथा निर्बल था। बालगोबिन भगत मानते थे कि इस तरह के लोगों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। ऐसे लोग अधिक देखभाल तथा सहायता के अधिकारी होते हैं। ये अपनी देखभाल नहीं कर पाते हैं। इसलिए दूसरों को इनकी हिफाजत का ध्यान रखना जरूरी होता है।

विशेष (1) बालगोबिन भगत के चरित्र का महत्वपूर्ण पक्ष उजागर हुआ है। (2) वर्णनात्मक शैली तथा व्यावहारिक भाषा का प्रयोग किया गया है।

प्रश्न 20 का उत्तर

 खोया-पाया

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जबलपुर के खेल के मैदान में एक बैग मिला है जिसमें कक्षा 10 की पुस्तकें रखी हैं। एक पर्स भी है जिसमें रुपये रखे हैं। जिसका बैग है वह प्रमाण देकर विद्यालय के प्रधानाचार्य महोदय के कार्यालय से प्राप्त कर ले।

प्रश्न 21 का उत्तर

उत्तर- (1) शीर्षक-‘पहला सुख निरोगी काया’।

(ii) मानव शरीर अनमोल है।

(iii) शुद्ध – कलाकृति; असली = नकली।

प्रश्न 22 का उत्तर

सेवा में,

श्रीमान् प्राचार्य महोदय,

फ़ारिक़ो मा. वि.

ग्वालियर।

दिनांक-25-7-20

महोदय,

सविनय निवेदन है कि प्रार्थी ने आपके विद्यालय से कक्षा 9 की परीक्षा उत्तम अंक लेकर उत्तीर्ण की है। संयोगवश मेरे पिताजी का स्थानान्तरण मुरैना हो गया है। इस हेतु मैं आपके आदर्श विद्यालय में आगे अध्ययन ‘करने में असमर्थ हूँ।

अतः मुझे अन्यत्र पढ़ने हेतु शाला त्याग प्रमाण-पत्र प्रदान करने की कृपा करें।

आपका आज्ञाकारी शिष्य

कनिष्क

प्रश्न 23 का उत्तर

 साहित्य और समाज

[रूपरेखा (1) प्रस्तावना, (2) साहित्य एवं समाज का सम्बन्ध, (3) साहित्य में अद्वितीय क्षमता, (4) साहित्य का उद्देश्य, (5) उपसंहार ।।

प्रस्तावना-साहित्य के कलेवर में मनुष्य की भावनाओं एवं विचारों का अंकन समाहित होता है। महावीरप्रसाद द्विवेदी के शब्दों में ‘ज्ञान-राशि का कोष’ का नाम साहित्य है।

साहित्य एवं समाज का सम्बन्ध:- समाज एवं साहित्य में अटूट सम्बन्ध है। साहित्य का आधार मानव जीवन है। महान् साहित्यकारों ने भी इसी के प्रकाश में साहित्य के कलेवर को समृद्ध किया है। लेखक सृजन की प्रेरणा भी समाज से ग्रहण करता है। युग की तथा समाज की परिस्थितियों के अनुकूल साहित्य में परिवर्तन के स्वर ध्वनित होते हैं। युगीन समस्याओं एवं सड़ी-गली मान्यताओं का निराकरण करके साहित्य समाज को परिष्कृत करता है।

साहित्य में अद्वितीय क्षमता:- साहित्य की क्षमता के समक्ष तोप-तलवार एवं बम की शक्ति भी बौनी प्रतीत होती है। साहित्य समाज का दर्पण है। साहित्य समाज के लेखा-जोखा का चित्रण है, समाज का सच्चा प्रारूप है।

साहित्य का उद्देश्य:- आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने मानव को ही साहित्य का उद्देश्य ठहराया है।

उपसंहार:-निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि साहित्य एवं समाज का अटूट सम्बन्ध है। जब-जब समाज दिग्भ्रमित होता है तब साहित्यकार समाज को एक गति तथा राह दिखाता है। बुराइयों का उन्मूलन करके अच्छे संस्कारों एवं भावों को पल्लवित करता है। साहित्य के अभाव में उन्नत समाज को कल्पना करना निराशामात्र है। साहित्य वर्तमान का प्रारूप है। मानव के सनातन मूल्यों की प्रतिष्ठा करने वाला है, भविष्य का मार्गदर्शक है तथा अतीत का प्रेरक व्याख्याता है।

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कक्षा 10वीअर्धवार्षिक परीक्षा के पेपर 2023

विद्यार्थियों आइए जानते हैं अर्धवार्षिक परीक्षा परीक्षा 2023 में क्या-क्या लेकर जाना है

  • काले और नीले के दो-दो पेन लेकर अवश्य जाना है
  • एक  ट्रांसपेरेंट पानी की बॉटल लेकर जाना है
  • गणित के पेपर में संबंधित सामग्री लेकर अवश्य जाना है
  • विद्यालय में परीक्षा के 1 घंटे पहले पहुंचना अनिवार्य है


Mp Board class 10th hindi ardhvaarshik paper 2023 Solution PDF link

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महत्वपूर्ण STEP Mp Board class 10th hindi ardhvaarshik paper 2023 की PDF डाउनलोड करने के लिए
  • सबसे पहले यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करके सभी प्लेटफार्म पर फॉलो करना होगा
  • इसके पश्चात किसी भी एक (एड  विज्ञापन) पर एक बार क्लिक करना होगा
  • विज्ञापन पर क्लिक करने के पश्चात डाउनलोड (LINK एक्टिवेट) हो जाएगी
  • इसके पश्चात 20 से 25 सेकंड का टाइमर चलेगा
  • इसके पश्चात  डाउनलोड का हरा बटन नजर आयगा उस पर क्लिक कर देना होगा
  • इसके पश्चात फाइल डाउनलोड हो जाएगी

NOTE :25 सेकंड के बाद ही आपको हरा कलर का डाउनलोड का बटन दिखे

[su_buttonid=”download” url=”https://drive.google.com/file/d/11mqDeSjw4lwPLt-dKsrG_G9XGaEoDBf5/view?usp=sharing” target=”blank” style=”3d” background=”#2df800″ size=”7″ wide=”yes” center=”yes”]Download Now[/su_button]

तो विद्यार्थियों में उम्मीद कर रहा हूं अभी तक आप सभी को Mp Board class 10th hindi ardhvaarshik paper 2023 तथा पेपर का फुल सोल्यूशन मिल चुका होगा मैंने PDF भी आप सभी को प्रोवाइड कराई है ताकि आप सभी को कोई भी समस्या ना हो लगातार आपके कमेंट आते रहते हैं कि सर हमें PDF भी दिया करो हमें बहुत ज्यादा समस्या होती है फाइनली मैं आप सभी को पीडीएफ भी प्रोवाइड कर दी है अब आप सभी को इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों तक शेयर करना है जिससे कि सभी की हेल्प हो पाएगी और आपको जल्दी से जल्दी मैं पेपर प्रोवाइड कर पाऊंगा आप हमारे सोशल मीडिया लिंक से भी जुड़ सकते हैं सारे लिंक में आपको प्रोवाइड करा दे रहा हूं

MP BOARD अर्धवार्षिक परीक्षा कब से स्टार्ट हो रही है ?

मध्य प्रदेश बोर्ड अर्धवार्षिक परीक्षा 6 दिसंबर से प्रारंभ हो रही है

STUDY NOTES PJ के संचालक कौन है ?

STUDY NOTES PJ यूट्यूब चैनल तथा सभी सोशलमीडियाके प्रभारी MR PRIYANSH JAIN है जो सभी सोशल अकाउंट को संचालित करते हैंतथा महत्वपूर्ण कंटेंट प्रोवाइड करते हैं

निर्गुण भक्ति भाव की प्रमुख विशेषताएं लिखिए

(1) निराकार ब्रह्म में विश्वास
(2) गुरु का विशेष महत्व,
(3) माया से सावधान रहने का सन्देश
(4) विरह भाव की प्रधानता
(5) अज्ञात स के प्रति रहस्यवादी दृष्टिकोण।

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