कक्षा 12 SET A वीं प्री बोर्ड हिंदी पेपर सलूशन अभ्यास प्रश्न परीक्षा 2023 मध्य प्रदेश बोर्ड

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कक्षा 12 SET A वीं प्री बोर्ड हिंदी पेपर सलूशन अभ्यास प्रश्न परीक्षा 2023 मध्य प्रदेश बोर्ड

 1.सही विकल्प चुनकर लिखिए

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  1. (स) बिम्ब विधान के लिए
  2. (स) वीर
  3. () बाजारवाद
  4. () संयुक्त वाक्य
  5. (स) अनाज जमा करने के लिए
  6. (स) संवाददाता

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प्रश्न क्रमांक 2 रिक्त स्थान का उत्तर

  1. भाषा
  2. रीतिकाल
  3. शब्द चित्र
  4. जादू
  5. पुनरुक्त शब्द युग्म
  6. सुस्त
  7. अखबार

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प्रश्न 3 सही जोड़ियां मिलाइए

प्रश्न क्रमांक 4  एक वाक्य एक शब्द में उत्तर दीजिए

(i).  सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

(ii). महाकाव्य

(iii). एक

(iv). रास्ते पतले और घुमावदार हैं

(v). थोड़े शब्दों में बहुत कुछ कहना

(vi). किशनदा

(viii). Hypertext Markup Language.

  • सत्य
  • सत्य
  • सत्य
  • सत्य
  • सत्य
  • असत्य

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प्रश्न क्रमांक 6 का अथवा का उत्तर

अथवा

प्रश्न क्रमांक 7 का उत्तर

शीतल वाणी में आग होने का क्या अभिप्राय है

जहाँ आग है, वहाँ शीतलता नहीं मिल सकती। आग का गुण है तपन देना। अतः तपन में शीतलता यानी ठंडापन नहीं मिल सकता। लेकिन यह पंक्ति कवि के विद्रोह को व्यक्त करने के लिए बड़ी उत्तम जान पड़ती है।

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प्रश्न क्रमांक 8 का उत्तर

कोई दो खंडकाव्य एवं उनके रचनाकारों के नाम लिखिए

मैथिलीशरण गुप्त : रंग में भंग, जयद्रथ वध, नलदमयंती, शकुंतला, किसान, अनाथ 

सियारामशरण गुप्त : मौर्य विजय 

रामनरेश त्रिपाठी : मिलन, पथिक द्वारिका

प्रसाद गुप्त : आत्मार्पण

अथवा

ओज गुण संपन्न कविताओं की दो प्रमुख विशेषताएं लिखिए

ऐसी काव्य रचना जिसको पढ़ने से चित्त में जोश, वीरता, उल्लास आदि की भावना उत्पन्न हो जाती है, वह ओज गुणयुक्त काव्य रचना मानी जाती है। ➡️ गौडी रीति की तरह इसमें संयुक्ताक्षरों, ट वर्गीय वर्णों, सामासिक पदों एवं रेफयुक्त वर्णों का प्रयोग अधिक किया जाता है।

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प्रश्न क्रमांक 9 का उत्तर

संदेह अलंकार की परिभाषा लिखिए

जब उपमेय और उपमान में समता देखकर यह निश्चय नहीं हो पाता कि उपमान वास्तव में उपमेय है या नहीं। जब यह दुविधा बनती है , तब संदेह अलंकार होता है अथार्त जहाँ पर किसी व्यक्ति या वस्तु को देखकर संशय बना रहे वहाँ संदेह अलंकार होता है। यह अलंकार उभयालंकार का भी एक अंग है

प्रश्न क्रमांक 10 का उत्तर

अथवा

शुक्ल युग के गद्य की दो प्रमुख विशेषताएं लिखिए

1. गद्य के विकास में इस युग का विशेष महत्त्व है। पं रामचंद्र शुक्ल (1884-1941) ने निबंध, हिन्दी साहित्य के इतिहास और समालोचना के क्षेत्र में गंभीर लेखन किया। 

2.   उन्होंने मनोविकारों पर हिंदी में पहली बार निबंध लेखन किया। साहित्य समीक्षा से संबंधित निबंधों की भी रचना की.

प्रश्न क्रमांक 11 का उत्तर

लेखिका महादेवी वर्मा के अनुसार भक्तिन  के जीवन का परम कर्तव्य क्या था

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महादेवी के घर में काम शुरू करने से पहले उसने कैसे एक संघर्षशील, स्वाभिमानी और कर्मठ जीवन जिया, कैसे पितृसत्तात्मक मान्यताओं और छल-छद्म भरे समाज में अपने और अपनी बेटियों के हक की लड़ाई लड़ती रही और हारकर कैसे ज़िंदगी की राह पूरी तरह बदल लेने के निर्णय तक पहुँची, इसका संवेदनशील चित्रण लेखिका ने किया है।

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प्रश्न क्रमांक 12 का उत्तर

संदेह वाचक वाक्य की परिभाषा और उदाहरण दीजिए

संदेहवाचक वाक्य वह वाक्य होते हैं जिन में संदेह (शंका) के साथ बात करते हैं और अनुमान लगाया जाता है कि वह होने कि संभावना है

जैसे: आज वर्षा हो सकती है।

प्रश्न क्रमांक 13 का उत्तर

राजभाषा की प्रमुख दो विशेषताएं लिखिए

  • यह सरकारी कामकाज की भाषा होती है ।
  • क्षेत्रीय भाषा ही राजभाषा होती है ।
  • कर के निर्णय, शिक्षा का माध्यम, रेडियो और दूरदर्शन में राजभाषा का प्रयोग होता है ।

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प्रश्न क्रमांक 14 का उत्तर  अथवा

मोहनजोदड़ो की सभ्यता को लो प्रोफाइल सब बता कहे जाने का कारण लिखिए

मोहनजोदड़ो में ऐसी कोई चीज नहीं मिली है जो राजसत्ता या धर्म के प्रभाव को दर्शाती है। यहाँ किसी राजा अथवा महंत की समाधि भी नहीं मिली, यहाँ एक राजा की मूर्ति मिली है, उसके मुकुट का आकार बेहद छोटा है। यहाँ जो नावें मिली हैं उनका आकार भी बेहद छोटा है। इन आधारों पर कहा जा सकता है कि सिंधु घाटी की सभ्यता आडंबरहीन सभ्यता थी।

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प्रश्न क्रमांक 15 का उत्तर

संपादकीय लेखन के बारे में लिखिए

‘संपादकीय’ का सामान्य अर्थ है-समाचार-पत्र के संपादक के अपने विचार। प्रत्येक समाचार-पत्र में संपादक प्रतिदिन ज्वलंत
विषयों पर अपने विचार व्यक्त करता है। संपादकीय लेख समाचार पत्रों की नीति, सोच और विचारधारा को प्रस्तुत करता है। संपादकीय के लिए संपादक स्वयं जिम्मेदार होता है। अतएव संपादक को चाहिए कि वह इसमें संतुलित टिप्पणियाँ ही प्रस्तुत करे।

संपादकीय में किसी घटना पर प्रतिक्रिया हो सकती है तो किसी विषय या प्रवृत्ति पर अपने विचार हो सकते हैं, इसमें किसी आंदोलन की प्रेरणा हो सकती है तो किसी उलझी हुई स्थिति का विश्लेषण हो सकता है।

प्रश्न क्रमांक 16 का उत्तर

दो रचनाएं-  1. चल परियों के देश

                 2. हंसो हंसो जल्दी हंसो

भाव पक्ष-

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प्रश्न क्रमांक 17 का उत्तर

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दो रचनाएं-

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प्रश्न क्रमांक 18 का उत्तर अथवा

छात्र की कक्षा में अनुशासन भंग करने पर शिक्षक छात्र के बीच होने वाले संवाद को लिखिए

अध्यापक: रोहित तुम रोज़ सुबह की प्रार्थना  में क्यों नहीं आते हो ?  

विद्यार्थी:  सर, मैं सर लेट हो जाता हूँ.  

अध्यापक: कैसे लेट हो जाते हो?

विद्यार्थी: मेरी बस छूट जाती है और सुबह की प्रार्थना   भी छूट जाती है.  

अध्यापक: रोहित, तुम अनुशासन का महत्व जानते हो.

विद्यार्थी: हां जी, सर जनता हूं.

अध्यापक: तुमने पता होगा कि अनुशासन हमारे जीवन का एक मुख्य अंग है।”

विद्यार्थी: हां जी, सर.

अध्यापक: हमें हर काम अनुशासन से करना चाहिए, समय का पालन करो, और जल्दी बस लिया करो और सुबह की प्रार्थना   में आया करो.

विद्यार्थी:   धन्यवाद सर, मैं अब से रोज़ आऊंगा.

प्रश्न क्रमांक 19 का उत्तर

उपरोक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए

1.जीवन में कर्म की प्रधानता

विवेकानंद जी का विरोध किसके प्रति था लिखिए

2.सांप्रदायिकता हठधर्मिता और वीरभत्च्स धर्मांधता का विरोध करते हैं

गद्यांश में प्रयुक्त शब्द “समीचीन” का समानार्थी शब्द तर्कसंगत है

प्रश्न क्रमांक 20 का उत्तर  अथवा

प्रसंग- प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक आरोह, भाग-2’ में संकलित कविता छोटा मेरा खेत से उद्धृत है। इसके रचयिता गुजराती कवि उमाशंकर जोशी हैं। इस अंश में कवि ने खेत के माध्यम से कवि-कर्म का सुंदर चित्रण किया है।
व्याख्या कवि कहता है कि उसे कागज का पन्ना एक चौकोर खेत की तरह लगता है। उसके मन में कोई भावनात्मक आवेग उमड़ा और वह उसके खेत में विचार का बीज बोकर चला गया। यह विचार का बीज कल्पना के सभी सहायक पदार्थों को पी गया तथा इन पदार्थों से कवि का अहं समाप्त हो गया। जब कवि का अहं हो गया तो उससे सर्वजनहिताय रचना का उदय हुआ तथा शब्दों के अंकुर फूटने लगे। फिर उस रचना ने एक संपूर्ण रूप ले लिया। इसी तरह खेती में भी बीज विकसित होकर पौधे का रूप धारण कर लेता है तथा पत्तों व फूलों से लदकर झुक जाता है।
विशेष
(i) कवि ने कल्पना के माध्यम से रचना-कर्म को व्यक्त किया है।
(ii) रूपक अलंकार है। कवि ने खेती व कविता की तुलना सूक्ष्म ढंग से की है।
(iii) ‘पल्लव-पुष्प’, ‘गल गया’ में अनुप्रास अलंकार है।
(iv) खड़ी बोली में सुंदर अभिव्यक्ति है।
(v) दृश्य बिंब का सुंदर उदाहरण है।
(vi) प्रतीकात्मकता का समावेश है।

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प्रश्न क्रमांक 21 का उत्तर अथवा

सन्दर्भ तथा प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘सृजन’ से संकलित ‘बाजार दर्शन’ शीर्षक विचारात्मक निबन्ध से उद्धृत है। इसके लेखक जैनेन्द्र कुमार हैं। लेखक को मानना है कि बाजार लोगों की जरूरत की चीजें उनको उपलब्ध कराने के लिए है। यदि वह चीजों का अनुचित विज्ञापन करके उन्हें लोगों को भेड़ने का प्रयास करता है तो वह अपने लक्ष्य से विरत हो जाता है। जो लोग पैसे के बल पर अनावश्यक चीजें बाजार से खरीदते हैं। वे भी बाजार की मर्यादा भंग करने के दोषी हैं। व्याख्या-लेखक कहता है कि बाजार जाने वाले को यह ठीक तरह पता होना चाहिए कि उसको किस चीज की जरूरत है, यह जानने वाला ग्राहक ही बाजार को एक महत्वपूर्ण उपयोगी संस्था बनाने में सहायक होता है। जो मनुष्य अपनी आवश्यकता की चीजों का सही ज्ञान नहीं रखता और बाजार जाकर अपनी क्रय शक्ति का घमण्ड दिखाता है तथा अनाप-शनाप गैर जरूरी चीजें खरीद डालता है। वह बाजार की उपयोगिता भंग करके उसको हानि पहुँचाता है। उसके कारण बाजार को एक विनाशकारी शक्ति प्राप्त हो जाती है। यह शक्ति ग्राहक के शोषण की शक्ति होती है। इसको व्यंग्य शक्ति तथा दुष्टतापूर्ण शक्ति भी कह सकते हैं। ऐसे व्यक्ति बाजार से लाभ नहीं उठा पाते। ने इस तरह के ग्राहकों के कारण बाजार एक उद्देश्यपूर्ण संस्था ही बना रह पाता है। ये लोग बाजार का बाजारूपन बढ़ाते हैं। अर्थात् बाजार को चीजों के अनुचित प्रदर्शन और विज्ञापन द्वारा उन्हें खरीदने के लिए ग्राहकों को बाध्य करने का स्थान बना देते हैं। ऐसे व्यक्तियों के कारण बजार ग्राहक को सामान उपलब्ध कराने के उपयोगी स्थल के बजाय उनके शोषण का स्थान बन जाता है। उनके कारण बाजार में छल-कपट बढ़ता है। ठगी बढ़ती है। विक्रेता और क्रेता के बीच का सद्भाव नष्ट हो जाता है। दोनों एक-दूसरे पर अविश्वास करते हैं और एक-दूसरे को ठगने का प्रयास करते हैं। विशेष- 1. बाजार की उपयोगिता ग्राहक की जरूरत का सामान उसको उपलब्ध कराने में है। 2. ग्राहकों को ललचाकर सामान बेचना उनको ठगना है। ग्राहक द्वारा पैसे के बल पर अनावश्यक चीजें खरीदना अनुचित है। दोनों ही बाजार की सार्थकता को नष्ट करते हैं। 3. भाषा बोधगम्य तथा प्रवाहपूर्ण है। 4. शैली विचारात्मक है।

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प्रश्न क्रमांक 22 का उत्तर

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प्रश्न क्रमांक 23 का उत्तर

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