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Class 11th SET A Hindi vaarshik paper 2024 || कक्षा 11वी हिंदी वार्षिक परीक्षा पेपर 2024

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विद्यार्थियों जैसा की वार्षिक परीक्षा 2024 बहुत नजदीक आ गई हैं इसलिए आज मैं आपको Class 11th SET A Hindi vaarshik paper 2024 की संपूर्ण PDF देने जा रहा हूं साथ में सभी प्रश्नों का Full Solution फ्री पीडीएफ के रूप में देने जा रहा हूं कोई भी चार्ज PAY करने की जरूरत नहीं है

Class 11th SET A Hindi vaarshik paper 2024

तो विद्यार्थियों अब आप सभी को विश्वास भी हो गया होगा कि मैं आप सभी को पेपर प्रोवाइड करने वाला हूंजैसा कि आप सभी पहले से ही जानते होंगे कि हमारे द्वारा दिए गए प्रश्न पत्र आपको परीक्षा में देखने के लिए मिलते हैं हमारा प्रयास हमेशा से यह रहता है कि हर विद्यार्थी परीक्षा में टॉप करें मतलब अच्छे अंक प्राप्त करें और आगे बड़े विद्यार्थियों अगर आप STUDY NOTES PJ से पहले जुड़े हुए हैं तो आप सभी को पता होगा कि इसके पहले भी मैंने आप सभी की कितनी मदद की है वार्षिक परीक्षा 2024 में भी संपूर्ण मदद करने का प्रयास करूंगा बस आप सभी को इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों तक शेयर करना है

Class 11th SET A Hindi vaarshik paper 2024
BOARD TYPEMP BOARD
EXAM TYPEवार्षिक परीक्षा 2024
SUBJECTHINDI
EXAM DATEMarch
CLASS11th
PAPER TYPEVIRAL PAPER
Class 11th SET A Hindi vaarshik paper 2024
Class 11th SET A Hindi vaarshik paper 2024

जी हां विद्यार्थियों आप सभी ने सही सुना आप सभी के लिए मैं संपूर्ण पेपर का हल करने वाला हूं यही नहीं और सुनिए Class 11th SET A Hindi vaarshik paper 2024 की संपूर्ण पीडीएफ PDF भी देने जा रहा हूं हमेशा की तरह आपको प्यार दिखाना है चैनल को सब्सक्राइब करना है इस पोस्ट को शेयर करना है

जी हां विद्यार्थियों परीक्षा से कुछ ही समय पहले Class 11th SET A Hindi vaarshik paper 2024 की यह फोटोस वायरल हो रही हैं जो मैंने आपको अभी दिखाई हैं आप सभी की मदद करने के लिए ही मैंने आपको SOLUTIN प्रोवाइड कराया है

कक्षा 11वी

विषय हिंदी (SET A)

प्रश्न क्रमांक 1 के उत्तर( सही विकल्प)

(i) (ब) 3

(ii) (स) चलना

(iii) (स)लता मंगेशकर को,

(iv) (ब),परीक्षा गुरु,

(v) (अ),आदिवासी समाज की,

(vi) (ब),छायावाद में,

प्रश्न क्रमांक 2 के उत्तर( रिक्त स्थान)

(i) महाकाव्य

(ii) वैयक्तिक

(iii) वीणा

(iv) तीसरे

 (v) भवानी प्रसाद मिश्र

(vi) सपने,

प्रश्न क्रमांक 3 के उत्तर ( सही जोड़ियां)

(i) → (ब),

(ii) → (द),

(iii) -(ई),

(iv) → (स),

(v) -(फ),

(vi)- (अ),

(vii) -(इ)

प्रश्न क्रमांक  4 के उत्तर ( सत्य/असत्य)

(i) सत्य

(ii) सत्य

 (iii) सत्य

(iv) सत्य

 (v) असत्य

(vi) असत्य

प्रश्न क्रमांक 5 के उत्तर( एक शब्द में उत्तर)

प्रश्न 5. एक शब्द/वाक्य में उत्तर लिखिए

(i) संवाद

(ii) 11 और 13 मात्राओं पर

(iii) दो

(iv) स्ववृत्त के आधार पर

(v) बौद्ध भिक्षुओं ने

 (vi) भारतवासी

(vii) परमाल रासो,

प्रश्न 6. भारतेन्दु युग की दो प्रवृत्तियाँ बताइए।

उत्तर-(1) भारतेन्दु युग में देशोद्धार, राष्ट्र-प्रेम, अतीत गरिमा आदि विषयों की ओर ध्यान दिया गया, (2) इस युग की रचनाओं में प्रकृति का यथार्थ चित्रण परिलक्षित होता है।

अथवा

प्रश्न. प्रगतिवादी कविता की चार विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर-(1) प्रगतिवादी कविता में दीन-हीन श्रमिक तथा पद-दलित मानवों का सजीव चित्रण है।

(2) मजदूरों के शोषण के प्रति विद्रोह के स्वर हैं।

(3) प्रगतिवादी काव्य की भाषा जन-सामान्य की सरल एवं सामान्य भाषा है।

(4) मार्क्सवादी विचारधारा का प्रभाव स्पष्ट रूप से परिलक्षित है।

प्रश्न 7. मीरा जगत को देखकर रोती क्यों हैं ?

उत्तर- मीरा की कृष्ण के प्रति भक्ति अनन्य है। वह पूर्ण समर्पण भाव के साथ अपने आराध्य को अपना पति मानकर उन पर अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देती हैं। जबकि सांसारिक लोग निजी स्वार्थ के चलते उनकी आलोचना करते हैं, उन्हें उलाहने देते हैं और उन पर तीखे प्रहार करते हैं। यहाँ तक कि उन्हें विषपान करने के लिए भी विवश किया जाता है। मीरा जगत के इस स्वार्थी स्वरूप को देखकर अन्दर तक व्यथित हो जाती हैं और टूटकर रो पड़ती हैं।

अथवा

प्रश्न . कबीर ने अपने को दीवाना क्यों कहा है ?

उत्तर-कबीरदास जी ने परमात्मा के सच्चे स्वरूप के साथ साक्षात्कार कर लिया है। उन्होंने मायारूपी जगत तथा स्वयं के अन्दर विद्यमान ईश्वरीय तत्व के मध्य अन्तर को भली-भाँति समझ लिया है। वह बाहरी एवं भौतिक दुनिया के मोह-माया एवं आडम्बरों-पाखण्डों से दूर उस एक स्वरूपा परमात्मा की सच्ची भक्ति में लीन हो चुके हैं। एक साधक के रूप में अपने ईश्वर के प्रति उनकी सच्ची एवं अनन्य भक्ति ने उन्हें पागल सा कर दिया है। सम्भवतः इसीलिए कबीर ने अपने को दीवाना कहा है।

प्रश्न 8. कहानी के तत्त्व लिखिए?

उत्तर- कहानी के तत्त्व हैं- (1) शीर्षक, (2) कथावस्तु, (3) चरित्र-चित्रण (4)संवाद

(5) भाषा-शैली  (6) देशकाल-वातावरण, (7) उद्देश्य

अथवा

संकलनत्रय क्या है ?

उत्तर- यूनानी नाटकों में तीन समक (एकता) का विशेष ध्यान रखा जाता था। वे निम्नवत् हैं-

समय का समक- जिसका तात्पर्य है कि नाटकीय घटना यथार्थ जीवन में 24 घण्टे से अधिक घटित होने वाली नहीं होनी चाहिए।

स्थान का समक- नाटकीय घटना यथार्थ जीवन में एक ही स्थान पर घटित होनी चाहिए।

वस्तु का समक- कथावस्तु में केवल एक ही मुख्य कथा हो, उसमें सहकारी उपकथाएँ नहीं

प्रश्न 9. कृषि-विभाग वालों ने मामले को हॉर्टीकल्चर विभाग को सौंपने के पीछे

क्या तर्क दिया ?

उत्तर- कृषि-विभाग वालों ने तर्क दिया कि कृषि विभाग अनाज और खेतीबाड़ी के ( मामलों में फैसला करने का हकदार है। जामुन का पेड़ चूँकि एक फलदार पेड़ है, इसलिए यह पेड़ हॉटीकल्चर डिपार्टमेंट के अन्तर्गत आता है अत: इस मामले को हम हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट के हवाले कर रहे हैं।

अथवा

प्रश्न . लड़कियाँ हैं, वह घास-फूस की तरह बढ़ती चली जाती हैं। वाक्य समाज में लड़कियों की स्थिति की किस वास्तविकता को प्रकट करता है ?

उत्तर- वंशीधर के वृद्ध पिता लड़कियों को पुरुष प्रधान समाज में घास जैसी वस्तु के समान मानते हैं। जैसे- घास बिना खाद आदि के ही उगकर बढ़ जाती हैं, लड़‌कियाँ भी शीघ्र बड़ी होती दिखाई देती हैं। माँ-बाप उनके व परिवार के सम्मान में उनके विवाह की चिन्ता में लग जाते हैं। लड़कियों को बोझ समझने लगते हैं तथा उसे पराया धन मानकर अपने कर्त्तव्य से मुक्त होना चाहते हैं।

प्रश्न 10. तुम दूसरी आशापूर्णा देवी बन सकती हो-जेठू का यह कथन रचना संसार के किस सत्य को उ‌द्घाटित करता है ?

उत्तर- तुम दूसरी आशापूर्णा देवी बन सकती हो-तातुश के प्रिय मित्र जेटू का यह कथन बेबी के उत्साहवर्धन के लिए था। जेठू को यह बात भली प्रकार ज्ञात थी कि बेबी के भीतर एक प्रतिभाशाली लेखिका की असीम सम्भावनाएँ मौजूद हैं। बस आवश्यकता इस बात की थी कि उसकी इस सुषुप्त प्रतिभा को कैसे निखारा, संवारा जाए। इसके लिए जेटू ने एक ऐसी विदुषी आशापूर्णा देवी का उदाहरण दिया, जिन्होंने अत्यन्त विपरीत परिस्थितियों में भी अपना लेखन-कार्य सतत् रूप से जारी रखा और कालान्तर में एक अत्यन्त प्रसिद्ध कथाकार बनीं।

अथवा

रेजाणीपानी – राजस्थान में पाये जाने वाले पानी का तीसरा रूप है-रेजाणर्णापानी।

यह पालरपानी और पातालपानी के बीच धरती में फँसा टँगा रहता है। ऐसा पानी जो धरातल से तो नीचे उतर जाता है किन्तु किन्हीं कारणों से पाताल तक नहीं पहुँच पाता है ‘रेजाणीपानी’ कहलाता है। रेजाणीपानी राजस्थान के रेतीले इलाकों में रेत के नीचे पाई जाने वाली खड़िया पत्थर की चौड़ी पक्की पट्टी के चलते पातालपानी से नहीं मिल पाता है। यह पानी खारे पानी के सागर में अमृत जैसा मीठा होता है। इसलिए इसका उपयोग पीने के पानी के रूप में किया जाता है। इसकी प्राप्ति के लिए अत्यन्त सावधानी एवं कुशलतापूर्वक ‘कुंई’ का निर्माण किया जाता है जो कुएँ के समान गहराई वाली किन्तु अपेक्षाकृत कम व्यास वाली होती है।

प्रश्न 11. संचार-क्रान्ति क्या है ?

उत्तर- व्यक्ति संचार और जनसंचार के विभिन्न माध्यमों- टेलीफोन, इंटरनेट, फैक्स, समाचार-पत्र, रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा आदि के माध्यम से सन्देशों का आदान-प्रदान करते समय दूरी व समय को समाप्त (कम) करता जा रहा है। इस प्रकार भौगोलिक, सांस्कृतिक, मानसिक रूप से हम एक-दूसरे के अधिक निकट आ गए हैं और यह संसार एक लघु गाँव में परिवर्तित हो गया है। यही संचार क्रान्ति है।

अथवा

प्रश्न . औपचारिक पत्र कौन-से होते हैं ?

उत्तर-सरकारी पत्र औपचारिक पत्र की श्रेणी में आते हैं जो प्रायः किसी कार्यालय, विभाग या मंत्रालय को लिखे जाते हैं।

प्रश्न 12. मुक्तक छंद की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।

उत्तर- मुक्तक छंद – मुक्तक छंद को आधुनिक युग की देन माना जाता है। जिस छंद में वर्णों और मात्राओं का बंधन नहीं होता है, उसे मुक्तक छंद कहते हैं। आजकल हिंदी में स्वतन्त्र रूप से लिखे जाने वाले छंद मुक्तक छंद होते हैं।

उदाहरण –

“वह आता

दो टूक कलेजे के करता पछताता

“पथ पर आता।

पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक,

चल रहा लकुटिया टेक,

मुट्ठी भर दाने को भूख मिटाने को

मुँह फटी पुरानी झोली का फैलाता

दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता।

अथवा

प्रश्न. महाकाव्य एवं खण्डकाव्य में दो अन्तर बताइए

उत्तर-(1) महाकाव्य का कलेवर वृहद् (विशाल) होता है जबकि खण्डकाव्य का आकार सीमित होता है। (2) महाकाव्य में जीवन का समग्ररूपेण अंकन होता है जबकि खण्डकाव्य में जीवन के किसी एक खण्ड (पक्ष) का विवरण‌ होता है।

महाकाव्य – कामायनी (जयशंकर प्रसाद)

खण्डकाव्य – मेघदूत (कालिदास)।

प्रश्न 13.काव्य में ओज गुण किसे कहते हैं ?

उत्तर:-ओज-जिस काव्य के सुनने या पढ़ने से चित्त की उत्तेजना वृत्ति जाग्रत हो, वह रचना ओज गुण सम्पन्न होती है।

उदाहरण- “बुन्देले हरबोलों के मुख हमने सुनी कहानी थी। खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।”

अथवा

प्रश्न.व्यंजना शब्द-शक्ति को उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।

व्यंजना- जब अभिधा और लक्षणा से अर्थ व्यक्त नहीं होता है तब व्यंजना शब्द-शक्ति की सहायता से व्यंग्यार्थ निकलता है;

जैसे- ‘गंगा में घर है’ में गंगा के समान घर की पवित्रता प्रकट होती है।

प्रश्न 14. राष्ट्रभाषा से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर – प्रत्येक स्वतन्त्र राष्ट्र की एक सर्वसम्मत राष्ट्रभाषा होती है। राष्ट्रभाषा में राष्ट्र की संस्कृति, साहित्य और इतिहास की प्रेरणाएँ निहित होती हैं जो जनजीवन को प्रभावित करती हैं।

अथवा

प्रश्न . निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ बताते हुए वाक्य प्रयोग कीजिए –

(i) डूबते को तिनके का सहारा, (ii) कंगाली में आटा गीला

उत्तर:-(1)डूबते को तिनके का सहारा- आपत्ति काल में थोड़ी-सी भी सहायता बहुत बड़ा कार्य करती है।

प्रयोग-सोहन के परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर अध्यापक ने उसे दो नम्बर बढ़ाकर पास कर दिया तो उसकी साल बच गयी। उचित ही कहा है डूबते को तिनके का सहारा।

(2) कंगाली में आटा गीला- मुसीबत में और मुसीबत बढ़ना।

प्रयोग-राम के पिता की मृत्यु हो गयी और उसकी नौकरी भी छूट गयी। ठीक ही कहा है कंगाली में आटा गीला ।

प्रश्न 15.निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए –

(i) उसका होश उड़ गया। (ii) पिता का पुत्र में विश्वास है।

उत्तर-(i) उसके होश उड़ गये। (ii) पिता को पुत्र पर विश्वास है।

अथवा

प्रश्न . मिश्रित तथा संयुक्त वाक्य में अंतर बताइए।

उत्तर- मिश्रित वाक्य-जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य के अतिरिक्त उसके अधीन अन्य आश्रित उपवाक्य हों, उसे मिश्रित वाक्य कहते हैं, जैसे- वह कौन-सा मनुष्य है जिसने महात्मा गाँधी का नाम न सुना हो। इसमें ‘वह कौन-सा मनुष्य है ‘मुख्य उपवाक्य है और शेष सहायक वाक्य है।

संयुक्त वाक्य-जिस वाक्य में साधारण अथवा मिश्रित वाक्यों का मेल संयोजक अवयवों (शब्दों) द्वारा होता है, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं, जैसे- सूर्योदय हुआ और पक्षी बोलने लगे। इसमें संयोजक शब्द ‘और’ है जिसने दो वाक्यों को मिलाकर एक संयुक्त वाक्य बनाया है।

 प्रश्न 16.         भवानी प्रसाद मिश्र

रचनाएँ –  ‘गीतफरोश’, ‘सतपुड़ा के जंगल’, ‘सन्नाटा

भाव पक्ष  -मिश्रजी की भाषा सहज एवं सरल है। उनकी भाषा भावाभिव्यक्ति में सहायक है। इन्होंने अपने काव्य में मुक्त छंद को अपनाया है। अपने भावों को सहज, सरल भाषा शैली में व्यक्त करने में मिश्रजी कुशल रहे हैं।

कला पक्ष – मिश्रजी की भाषा में भावाभिव्यक्ति की अपूर्व क्षमता है। इनके भावों में गहराई होते हुए भी वे सरलता लिए हुए है। चिन्तनशीलता इनकी रचनाओं का विशिष्ट गुण है। अपने नए-नए भावों को कविता की पंक्तियों में पिरोकर पाठकों के सामने प्रस्तुत किया है।

साहित्य में स्थान – पं. भवानी प्रसाद मिश्र प्रयोगशील एवं नई कविता के लोकप्रिय कवि हैं। इनकी कविताओं में एक ऐसी सरलता और ताजगी है जो किसी अन्य कवि में दिखाई नहीं देती। गाँधीवाद से प्रभावित मिश्रजी की कविताओं में मानव कल्याण के स्वर मुखरित हुए हैं। प्रयोगवाद एवं नयी कविता के कवियों में इनका प्रशंसनीय स्थान है।

अथवा

दुष्यंत कुमार

रचनाएँ –  (1) सूर्य का स्वागत, (2) आवाजों के घेरे।

भाव पक्ष –  दुष्यंत कुमार जी की कविता में भाव की अनुभूति गहन और सूक्ष्म दोनों ही हैं। उनकी गजलें स्पष्ट कर देती हैं कि उनके ऊपर मनोविश्लेषणवाद का प्रभाव अवश्य हो रहा है।

कला पक्ष- दुष्यंत कुमार त्यागी अपनी कविताओं में भाव के अनुकूल भाषा का प्रयोग करते हैं। इस कारण उसमें तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी सभी प्रकार के शब्दों का अवसर के अनुकूल चयन किया है। भाषा में सहजता है।

साहित्य में स्थान – दुष्यंत कुमार की गजलें जन-जन तक पहुँचती हैं। उन्होंने गजल की उर्दू परम्परा को एक मोड़ देते हुए हिंदी को समृद्ध किया है तथा कवियों को एक नई जमीन और नई दिशा प्रदान की है। समग्र रूप से अपने इस महान योगदान के लिए हिंदी साहित्य उनका चिर ऋणी रहेगा।

प्रश्न 17.  कृष्णा सोबती

रचनाएँ:-मित्रो मरजानी’, ‘सूरजमुखी’, ‘

भाषा:-कृष्णा सोबती का भाषा सामर्थ्य हिंदी में अनूठा है क्योंकि उन्होंने भाषा को अपनी विलक्षण प्रतिभा से अप्रतिम ताजगी और स्फूर्ति प्रदान की है।

शैली:-भाषा के समान कृष्णा सोबती की शैली सरल व सुबोध है। उसमें सजावट तथा कृत्रिमता नाम-मात्र को भी नहीं है। इसी कारण उनकी शैली में चुलबुलाहट है। उनके लेखन में शैली के अनेक रूप मिलते हैं।

साहित्य में स्थान – श्रेष्ठ आख्यिकाकार, उपन्यासकार, निबन्धकार, संस्मरणकार कृष्णा सोबती अपनी रचनाओं के कारण सदैव स्मरणीय रहेंगी। इनके द्वारा किए गए नारी की यौन कुण्ठाओं के मनोवैज्ञानिक विश्लेषण ने इन्हें हिंदी साहित्य जगत में अमर बना दिया।

अथवा

प्रश्न 18. अपने विद्यालय में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय पुस्तक प्रदर्शनी का विज्ञापन बनाइए।

उत्तर-

{आइए }      [ ज्ञान बढ़ाइए ]       { प्रसन्न रहिए }

राष्ट्रीय पुस्तक प्रदर्शनी

विद्यार्थियों द्वारा आयोजित

{ 10 दिसम्बर से 20 दिसम्बर 20… तक

समय:- प्रात 9 बजे से सायं 5 बजे तक }

प्रवेश निशुल्क,

शासकीय महाराजा शिवाजीराव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चिमनबाग, इन्दौर

श्रेष्ठ साहित्य को खरीदने का सुनहरा अवसर आप सादन आमंन्नित है

अथवा

प्रश्न.दूर के ढोल सुहावने होते हैं।”

उत्तर:- भाव-पल्लवन- दूर के ढोल सुहावने होते हैं। इस कहावत का तात्पर्य यह है कोई भी पदार्थ दूर होने के फलस्वरूप मोहक तथा सुहावना लगता है क्योंकि दूर का पदार्थ वास्तविकता से अलग होता है। इसलिए उसमें कर्कशता का आभास नहीं हो पाता। वृद्धों को अतीत एवं युवकों को भविष्य आकर्षक लगता है, लेकिन जब वे कर्म के क्षेत्र में समावेश करते हैं तो यथार्थ सत्य का ज्ञान होता है। अतीत एवं अनागत दूर के ढोल की तरह सुहावने लगते हैं। यह समझा जाता है कि दुनिया दूर से जितनी लुभावनी लगती है उतनी आकर्षक नहीं है। अतः यह

कथन सत्य है कि दूर के ढोल सुहावने होते हैं।

प्रश्न क्रमांक 19 का उत्तर

उत्तर- (क) जीवन प्रवाह को सही दिशा पर्व देते हैं।

(ख) सभी पर्वों को उल्लास के साथ मर्यादा में रहकर मनाना चाहिए।

(ग) भारतीय संस्कृति में पर्वो का अत्यधिक महत्व है।

(घ) शीर्षक-‘ पर्वो का महत्व’ ।

(ङ) सारांश – भारतीय संस्कृति में पर्वों को अत्यधिक महत्व दिया गय जिन्दगी की भाग-दौड़ के बीच फुरसत के कुछ ऐसे पल प्रदान करते हैं जब अपने विषय में सोच सकते हैं।

अथवा

उत्तर- (क) कवि के अनुसार सब लोगों की एक भाषा, एक ही प्रकार का जीवन तथा विचारधारा होने से ही मूढ़ता तथा शोक समाप्त होता है।

(ख) निज – अपना; सूल = कष्ट ।

(ग) ज्ञान से मनुष्य उन्नति प्राप्त करता है।

(घ) शीर्षक – ‘ राष्ट्रभाषा की उन्नति’।

(ङ) भावार्थ – अपनी भाषा की उन्नति होने से ही सभी प्रकार की उन्नति होती है। अपनी भाषा के ज्ञान के बिना हृदय की व्यथा समाप्त नहीं हो सकती। जब समस्त देशवासी एक भाषा, एक जीवन तथा एक समान विचारधारा अपनाएँगे, तब ही मूढ़ता तथा शोक समाप्त होगा।

प्रश्न क्रमांक 20 का उत्तर

संदर्भ-प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘आरोह’ के ‘मीरा के पद’ से अवतरित है। इसकी रचयिता ‘मीराबाई’ हैं।

प्रसंग – प्रस्तुत पद में मीराबाई ने भगवान श्रीकृष्ण को अपना पति मानते हुए उनके प्रति अपने अनन्य भक्ति भाव का परिचय दिया है।

भावार्थ- कृष्ण भक्ति में लीन मीराबाई कहती हैं कि मेरे तो सब कुछ गिरिधर गोपाल अर्थात् भगवान श्रीकृष्ण ही हैं। उनके अलावा इस संसार में मेरा कोई सगा-सम्बन्धी नहीं है। जिनके सिर पर मोर के पंखों का मुकुट शोभायमान है ऐसे प्रभु श्रीकृष्ण ही मेरे पति हैं। कृष्ण प्रेम में दीवानी हुई मीराबाई आगे कहती हैं कि उन्होंने कान्हा की भक्ति में कुल की मर्यादा तक को तिलांजलि दे दी है और अब में देखती हूँ कि इसके लिए मुझे कोई क्या कहता है ?

अथवा उत्तर

संदर्भ-प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘आरोह’ के पाठ ‘चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती’ से अवतरित है। इसके रचयिता ‘त्रिलोचन’ हैं।

प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश में कवि चंपा को पढ़ना सीख लेने के लाभ बताते हुए उसके विवाह के पश्चात् की परिस्थितियों का वर्णन कर रहा है।

भावार्थ-कवि चंपा को समझाते हुए पुन: कहता है कि चंपा ! पढ़ना-लिखना सीख लेना अच्छा है। यह भविष्य में तुम्हारे बहुत काम आयेगा। जब तुम बड़ी हो जाओगी तब तुम्हारे घर वाले तुम्हारा विवाह करवा देंगे। विवाह के पश्चात् तुम अपने पति के साथ उसके घर अर्थात् अपनी ससुराल में जाओगी।

प्रश्न क्रमांक 21 का उत्तर

संदर्भ – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘आरोह’ के प्रसिद्ध शब्द-चित्र ‘मियाँ नसीरुद्दीन’ शीर्षक से अवतरित हैं जिसकी लेखिका हिंदी कथा साहित्य में विशिष्ट स्थान रखने वाली ‘कृष्णा सोबती’ हैं।

प्रसंग-लेखिका के द्वारा सवाल पूछे जाने पर ‘मियाँ’ ने कहा कि हम वक्त निकाल कर आपके प्रत्येक प्रश्न का उत्तर देंगे। ‘मियाँ जी’ को अखबारनवीसों से बहुत नफरत थी। इस कारण वे लेखिका पर झल्ला कर कहते हैं- पूछिए क्या पूछना चाहते हैं ?

व्याख्या- मियाँ जी ने लेखिका को ग्राहक समझ कर पूछा- फरमाइए। इस पर लेखिका ने कुछ प्रश्नों के उत्तर जानने चाहे। नसीरुद्दीन को अपने धन्धे तथा कार्यकुशलता पर बड़ा गर्व था इस कारण उन्होंने एक सेना के बड़े अधिकारी के समान सिर ऊँचा करते हुए कहा- पहले प्रश्न पूछिए- उत्तर के लिए समय अवश्य निकाल लेंगे।

अथवा उत्तर

संदर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक’ आरोह’ के व्यंग्य-लेख ‘विदाई-संभाषण’ से उद्धृत है जिसके लेखक राष्ट्रीय नवजागरण के सक्रिय पत्रकार ‘बालमुकुंद गुप्त’ हैं।

प्रसंग – लॉर्ड कर्जन सन् 1905 में भारत छोड़कर जा रहे थे जो उनके शासन का अन्त था। उनकी अनुचित नीतियों ने उनके शासन का अन्त कर दिया। यह सत्य है कि शासक के आततायी रूप से राजा व प्रजा को कष्ट होता है जिसका परिणाम शासन की समाप्ति है।

व्याख्या – संसार में जो वस्तु आई है उसका अन्त अवश्य होगा। जो जन्म लेता है वह मरता है। यही बात लॉर्ड कर्जन के शासन के साथ हुई। कोई अच्छा कार्य करता है, कोई न्यायपूर्ण पर अन्त सबका होता है। दुष्ट को कोसा जाता है तथा सज्जन की प्रशंसा की जाती है

प्रश्न 22. नगर की अनियमित विद्युत् व्यवस्था हेतु अधिशासी अभियन्ता के लिये एक शिकायती पत्र लिखिए।

उत्तर-

                                 दिनांक : 05.02.2024

प्रति,   

अधिशासी अभियन्ता,

विद्युत् विभाग, जबलपुर

विषय : विद्युत् की अनियमित आपूर्ति के सम्बन्ध में।

महोदय,

विनम्र निवेदन है कि आजकल गर्मी का भीषण प्रकोप है। चिलचिलाती धूप एवं उमस भरे वातावरण में जीवनयापन करना अत्यन्त ही दुष्कर हो गया है। ऐसे समय में विद्युत् की अव्यवस्था अत्यन्त परेशानी का कारण है। अतः आपसे सानुरोध प्रार्थना है कि अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को उचित निर्देश देकर विद्युत् की सुचारु आपूर्ति का आदेश प्रदान कर अनुग्रहीत करें।

प्रार्थी

वार्ड संख्या 17 के समस्त नागरिक

जबलपुर

(अथवा उत्तर)

उत्तर-

                                57/103A, बड़ी पोखर,

                                तोपखाना, शहडोल

                               दिनांक 03.01.2024

प्रिय सखी दिशा,

सप्रेम नमस्ते ।

अत्यन्त हर्ष के साथ आपको सूचित करना चाहती हूँ कि मेरे बड़े भाई का विवाह दिनांक 13.02.2024 को सम्पन्न होना है। कार्यक्रम 11.02.2024 से ही प्रारम्भ हो जायेंगे। अतः इस शुभ अवसर पर तुम सपरिवार आमन्त्रित हो। मैं चाहती हूँ कि तुम 11.02.2024 से पूर्व ही आ जाओ। मैं तुम्हारी प्रतीक्षा करूंगी।

तुम्हारी सहेली

प्रतिभा कश्यप

प्रश्न क्रमांक 23 का उत्तर

( विज्ञान का चमत्कार)

प्रस्तावना : आज पूरी दुनिया में विज्ञान की पताका लहरा रही है। जीवन तथा विज्ञान एक-दूसरे के पर्याय बन गए हैं। विज्ञान से मानव को असीमित शक्ति प्राप्त हुई है।

आज मनुष्य विज्ञान की सहायता से पक्षियों की भांति आसमान में उड़ सकता है। गहरे से गहरे पानी में सांस ले सकता है। पर्वतों को लांघ सकता हैं तथा कई मीलों की दूरियों को चंद घंटो में पार कर सकता है। आज मनुष्य ने विज्ञान की सहायता से कई बड़े क्षेत्रों में सफलता पाई है जैसे कि चिकित्सा, सूचना क्रांति, अंतरिक्ष विज्ञान, यातायात आदि।

विज्ञान के चमत्कार : ईंधन, सूचना, कम्प्यूटर उपकरण आदि ऐसे कई अनोखे साधन विज्ञान ने दिए है जिनसे जीवन बेहद सरल और संपन्न हो गया है। बिजली द्वारा संचालित पंखें, ए.सी, टीवी, कूलर, लाइटस आदि कई साधन मानव को विज्ञान से प्राप्त हुए हैं।

अब तो विज्ञान ने बिजली के कई ऐसे उपकरण प्रदान किए हैं जिनसे मानव का काम और भी आसान बन गया है जैसे : वेक्यूम क्लिनर, सोलर गैस, मोबाइल फोन, हीटर आदि। विज्ञान द्वारा किए गए यह सभी अविष्कार मनुष्य के लिए वरदान साबित हो रहे हैं।

भोजन, आवास, यातायात, चिकित्सा, मनोरंजन, कृषि, मनोरंजन, उद्योग आदि सभी क्षेत्र विज्ञान से प्रभावित है।

उपसंहार : इन सभी बातों से पता चलता है कि विज्ञान स्वयं में एक शक्ति नहीं है। वह मानव के हाथ में आकर शक्ति प्राप्त करता है।

विज्ञान पूरी तरह मानव पर निर्भर है इसीलिए मानव को सोचना होगा कि इसका उपयोग कब और कैसे कि

हिंदीSET A
SET B
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अंग्रेजीSET A
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संस्कृतSET A
SET B
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SET D
गणितSET A
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रसायन शास्त्रSET A
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भौतिक शास्त्रSET A
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फसल उत्पादन
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लेखाशास्त्रSET A
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Class 11th SET A Hindi vaarshik paper 2024

विद्यार्थियों आइए जानते हैं वार्षिक परीक्षा परीक्षा 2024 में क्या-क्या लेकर जाना है

  • काले और नीले के दो-दो पेन लेकर अवश्य जाना है
  • एक  ट्रांसपेरेंट पानी की बॉटल लेकर जाना है
  • गणित के पेपर में संबंधित सामग्री लेकर अवश्य जाना है
  • विद्यालय में परीक्षा के 1 घंटे पहले पहुंचना अनिवार्य है

Class 11th SET A Hindi vaarshik paper 2024 Solution PDF link

  • Class 11th SET A Hindi vaarshik paper 2024 की PDF Free OF COST आपको प्रोवाइड करा रहा हूं 
  • PDF डाउनलोड करने के लिए कुछ दिशानिर्देश नीचे दिए गए हैं
  • उनको ध्यानपूर्वक पढ़ें तभी आपको Class 11th SET A Hindi vaarshik paper 2024 Solution की PDF link मिलेगी
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महत्वपूर्ण STEP Class 11th SET A Hindi vaarshik paper 2024 की PDF डाउनलोड करने के लिए
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  • इसके पश्चात किसी भी एक (एड  विज्ञापन) पर एक बार क्लिक करना होगा
  • विज्ञापन पर क्लिक करने के पश्चात डाउनलोड (LINK एक्टिवेट) हो जाएगी
  • इसके पश्चात 20 से 25 सेकंड का टाइमर चलेगा
  • इसके पश्चात  डाउनलोड का हरा बटन नजर आयगा उस पर क्लिक कर देना होगा
  • इसके पश्चात फाइल डाउनलोड हो जाएगी

NOTE :25 सेकंड के बाद ही आपको हरा कलर का डाउनलोड का बटन दिखेगा

Class 11th SET A Hindi vaarshik paper 2024

तो विद्यार्थियों में उम्मीद कर रहा हूं अभी तक आप सभी को Class 11th SET A Hindi vaarshik paper 2024 तथा पेपर का फुल सोल्यूशन मिल चुका होगा मैंने PDF भी आप सभी को प्रोवाइड कराई है ताकि आप सभी को कोई भी समस्या ना हो लगातार आपके कमेंट आते रहते हैं कि सर हमें PDF भी दिया करो हमें बहुत ज्यादा समस्या होती है फाइनली मैं आप सभी को पीडीएफ भी प्रोवाइड कर दी है अब आप सभी को इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों तक शेयर करना है जिससे कि सभी की हेल्प हो पाएगी और आपको जल्दी से जल्दी मैं पेपर प्रोवाइड कर पाऊंगा आप हमारे सोशल मीडिया लिंक से भी जुड़ सकते हैं सारे लिंक में आपको प्रोवाइड करा दे रहा हूं

Class 11th SET A Hindi vaarshik paper 2024

प्रश्न 14. राष्ट्रभाषा से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर – प्रत्येक स्वतन्त्र राष्ट्र की एक सर्वसम्मत राष्ट्रभाषा होती है। राष्ट्रभाषा में राष्ट्र की संस्कृति, साहित्य और इतिहास की प्रेरणाएँ निहित होती हैं जो जनजीवन को प्रभावित करती हैं।

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